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मायावती ने कहा कि भाजपा ने सोची-समझी रणनीति के तहत ही निकाय चुनाव समय से नहीं कराने का षड्यंत्र रचा है। अगर धर्मांतरण और लव जिहाद की जगह ओबीसी आरक्षण पर ध्यान देते तो आज ये स्थिति न होती। बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर यूपी और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और कोऑर्डिनेटरों की बैठक में कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाना है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत यूपी निकाय चुनाव को सही कानूनी तरीके से कराने की नहीं थी। उसे टालने की ही थी। वह धर्मांतरण, लव जिहाद, मदरसा सर्वे आदि संघ के तुष्टिकरण में समय बर्बाद करती रही। उसके बजाय यदि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर ध्यान केंद्रित करती तो आज ऐसी विचित्र स्थिति नहीं पैदा होती। यह उसने सोची-समझी रणनीति के तहत किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री विदेश से निवेश लाने के नाम पर सरकारी धन विदेशी रोड शो व भ्रमण पर खर्च कर रहे हैं। यह अब नया चस्का इन्हें लगा है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जनता महंगाई की मार से परेशान है। भाजपा की कथनी और करनी में भारी अंतर है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही आरक्षण विरोधी हैं। दोनों ने मिलकर पहले एससी एसटी वर्ग के आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को निष्क्रिय व अप्रभावी बनाया और बाद में जातिवादी नियत के खेल खेले। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित दो राज्यों कर्नाटक व महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर तकरार व टकराव अति दुखद है। भाजपा जब आंतरिक विवाद का समाधान नहीं निकाल पा रही है तो अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद का क्या होगा। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को लक्ष्य दिया और कहा कि बूथ लेवल पर जाकर काम करें और सर्वसमाज के लोगों को पार्टी से जोड़ें।
Report- Akanksha Dixit.
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